क्या करूं दर्द ने भी पक्की
दोस्ती कर ली है हमसे...
यह दुनिया ढूंढ रही है जिस शख्स को
हम रोज मिलते हैं उस शख्स को...
अगर इंतजार करना ही इश्क है, तो फिर
आखरी सास भी तुम्हारे नाम....
मैं अब सबसे दूर होना चाहता हूँ
मुझे अब मेरी जरूरत पड़ रही है....
अल्फाज़ो के दीवाने लाखों मिलेंगे, तलाश
उसकी करना जो खामोशी पढ़ ले....
खुश नहीं हूं मजबूर हूं अपनों की
खुशी के लिए अपनों से ही दूर हूं...
तुम मेरी शरारतो को समझा करो मेरे दोस्त
मैं क्यों हर हाल में खुश रहता हूं...
बैचेन रहते हैं वो लोग जिन्हे
हर बात याद रहती हैं...
मुट्ठियों में लिए फिरते हैं नमक आज के लोग
अपने जख्मों को किसी हाल दिखाया ना करो....
हंस कर Photo और रो कर
नींद बहुत अच्छी आती है...
भरोसा उठ गया हैं अब सभी से, खुद
अपना हाथ थामे चल रहा हूँ।।
वक्त ने छीन ली चेहरे की चमक हम वैसे
नहि रहे जैसे पहले हुआ करते थे...
अब तो आंसू भी नहीं आते बोल रहे थे
तेरे हिस्से का रोना खत्म हो चुका है...
कभी कभी खो भी जाना चाहिए, ये देखनें के
लिए की कौन-कौन तलाश करने आता है ॥
हमने अच्छा और बुरा वक्त देखा है हम
किसी का बुरा नहीं सोच ते...
हमेशा याद रहेगा ए जाता हुआ साल
इस साल में किसी के लिए रोए बहुत है....
मेरा होकर भी जो मेरा ना था उस
शख्स को मैंने बे इंतहा चाहा था....
अब हम शायरों की महफिल में कदम रखने
लगे हैं ए इश्क हमारे बस की बात नहीं....
अब मैं अपने अंदर ही खुश रहता हूं अब
किसी की आदत नहीं होती मुझे....