Top 222 Shayari 👑 2023

Best sayri

 

Top 100 Fakiri Shayari (टॉप 10 फकीरी शायरी)

Most Famous Top 10 Fakiri Shayari of 2023






टॉप 10 फकीरी शायरी का सबसे अच्छा संग्रह यहाँ उपलब्ध है, आप इस फकीरी शायरी को अपने हिंदी वाहट्सएप्प स्टेटस के रूप में उपयोग कर सकतें है या आप इस बेहतरीन टॉप 10 फकीरी हिंदी शायरी को अपने दोस्तों को फेसबुक पर भी भेज सकतें हैं। फकीरी पर हिंदी के यह शेर, आपके प्यार और भावनाओं को व्यक्त करने में आपकी मदद कर सकतें हैं !!





Best Shayari 👑










अंधेरे चारों तरफ साएं साएं करने लगे, 
चिराग हाथ उठाकर दुआएं करने लगे, 
सलीका जिनको सिखाया था हमने चलने का
 वो लोग आज हमें दाएं बाएं करने लगे ।।





जीतने वाला ही नही.. बल्कि कहाँ पे क्या हारना
 है " ये जानने वाला भी सिकंदर होता है....





कबीरा तेरे जगत में, उल्टी देखी रीत 
पापी मिलकर राज करें, साधु मांगे भीख...







संग ना करो राजा का पता नहीं कब रुला दे
संग करो फकीरों का क्या पता कब खुदा से मिला दे...






"ना रईस हूँ ना में अमीर हूँ न मै बादशाह न मै वजीर हुं"
                            मेरे मालिक 
तेरा इश्क है मेरी सल्तनत, मै उस सल्तनत का फकीर हूँ ...




New Shayari 🔥



जो झूठ पर भी वाह करेंगे
वही आपको तबाह करेंगे...







मुझ में हजार खामियाँ हैं माफ़ कीजिए,
 पर अपने आईने को भी तो साफ कीजिए...






मन्नत के धागे बांधो या मुरादों की पर्ची, 
वो देगा तभी जब होगी उसकी मर्जी...







झुकता है वही फ़कीरों की तरह 
फ़ितरत से जो बादशाह होता है।।






अच्छे कपड़े, अच्छा खाना, महंगी जूती, अच्छा घर,
 काले दिल, घटिया सोच, गंदे शौक़, मुनाफ़िक़ लोग...




Fakiri Shayari 😈



एक अजीब सी खबर है सुनोगे क्या
 मोहब्बत का हकीम मोहब्बत मे मर गया....







नज़र झुकने लेने से भला सादगी का क्या तालुक
 शराफत तब झलकती है जब नियत मै पर्दा हो।।








कोई बेबस, कोई बेताब, कोई चुप, कोई हैरान,, 
ए जिंदगी तेरी महफिल के तमाशे खत्म नहीं होते....







हमं झूठी के बीच में सच बोल बैठे, वो नमक
 का शहर था और हम ज़ख़्म खोल बैठे..!!






उनले आज़माइश मेरी दरवेशी का तू ज़माना, 
मेरी आंसू भी अशर्फियाँ है खुदा के सामने...



New 2023 Shayari 🤩




"ना पूछ मेरा रंग, मैं कितनी मौज में हूं"
 दुनिया में महोब्बते फैलाकर एक महोब्बत की खोज में हूं।







झुकने का हुनर भी बहुत हैं मुझमें मगर हर 
चौखट पे सजदा करू ये मुझे गवारा नहीं....






बहुत मुश्किल से आप से... तुम पर पहुँचे, 
फिर हुआ यूँ के "तु" तु" में " में" हो गई..!!!





ये फकीरों की महफिल है चले आओ मिया
 ये भले लोग हैं औकात नही पूछते....





गिरते रहे हम सजदों में.. हसरत ए इश्क की खातिर.. अगर इबादत ए खुदा में गिरे होते तो.. ज़िन्दगी जन्नत बन जाती.....






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