Ishq Shayari | 299+ इश्क शायरी हिंदी में (2023)

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 Ishq Shayari | 299+ इश्क शायरी हिंदी में (2023)





Ishq shayari : वेलकम दोस्तो, कहते है इश्क का अहसास बहुत ही हसीन होता है। जिसे इश्क हो जाता है उसे सारी दुनिया हसीन लगने लगती है, सब कुछ अच्छा लगने लगता है। इश्क लफ्ज़ पर हिंदी के यह शेर, आपके प्यार और भावनाओं को व्यक्त करने में आपकी मदद कर सकते है, इश्क में किसी का हाल ऐसा हो जाता है जिसे वह छुपा भी नही सकता और बता भी नही पाता। इश्क में इंसान अपना दिल ही नही दिमाग भी हार बैठता है।

तो इसलिए दोस्तो प्रेम के इस सफर को और भी खूबसूरत बनाने के लिए आज हम इश्क पर रोमांटिक शायरियां का बेहतरीन कलेक्शन लेकर आए है इसमें हम आपके साथ Ishq shayari for boyfriend साझा कर रहे है। तो आइये दोस्तो बिना वक्त गवाये इस पोस्ट को पढ़ना शुरू करते है।





सोया नही पूरी रात मैं
सोच रहा था ये रात गुजारूं कैसे।।




मेरे दिल की हर धड़कन पर तेरी ही हुकूमत हो
मेरे इश्क की सारी राहें तुम से तुम तक हो।।




लोग अब "मोहब्बत" नहीं
"मोहब्बतें" करने लगे हैं।।




बाँधकर ज़ुबान मेरी कह रहा था वो ज़ालिम
अब तुम्हे इजाज़त है हाल-ए-दिल सुनाने की।।




मुझे मनाओ मत मेरी बात समझो
मैं नाराज नही हु - मैं परेशान हु इन दिनों।।




माना कि अनमोल हैं
हसरत-ए-नायाब हैं आप,
हम भी वो लोग हैं जो
हर दहलीज़ पर नहीं मिलते।।




चारों तरफ तन्हाई और अंधेरा है
कुछ ऐसी हालत में कमरा मेरा है।।




ना होने का एहसास सबको है
मौजूदगी की खबर किसी को नहीं।।




ढूँढ लिया है खुद में ही सुकून
ये ख्वाहिशें तो खत्म होने से रहीं।।




वो जिनको नींद नही आती उन्हें ही मालूम होता हैं
सुबह आने मे कितने जमाने लगते हैं।।





दुआ कहूं, अर्जी कहूं या ख़्वाहिश कहूं इसे
रब साँसे उतनी ही दे जितना साथ तुम्हारा दे।।





मंजिल का नाराज होना जायज था
तुम भी तो अनजान राहों से दिल लगा बैठे थे।।





तेरे होंठो से गर इक काम लेना हो
तेरे होंठो से हम बस इक दुआ लेंगे।।




जब आपको किसी के सहारे की सबसे ज्यादा जरूरत होगी 
तब आपके पास कोई नही होगा।।




आज तो नही..... पर
एक दिन "एहसास" जरूर होगा।।





वो आज भी सर्दी में ठिठुर रही है दोस्तों
मैंने एक बार बस इतना कह दिया कि
स्वेटर के बिना कैटरीना लगती हो।।





की तैयारी करो रोने की तुम भी 
मेरे सहने का अंतिम दौर हैं ये ।।





चखे हैं जाने कितने जायके महंगे मगर ऐ माँ
 तेरी चुल्हे की रोटी सारे पकवानो पे भारी है।।





मुझे ज़िन्दगी की दुआ देने वाले
हंसी आ रही है तेरी सादगी पर।।





कुछ उम्दा किस्म के जज़्बात हैं हमारे
कभी दिल से समझने की तकलुफ़्फ़् तो कीजिए।।




सुनो,
आप मेरे आत्म सम्मान की रक्षा करना
मैं आपका गुरूर सलामत रखूंगी।।




लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं
मैं अरसे से खामोश हूं और वो बरसों से बेख़बर हैं।।




जाने वाले कभी वापस वापस आते और 
आने वाले कभी छोड़ कर नही जाते है।।





आधे से कुछ ज्यादा है - पूरे से कुछ कम
कुछ जिंदगी, कुछ गम, कुछ इश्क़, कुछ हम।।





परछाइयों के अंधेरे से डरें नहीं, ये तो संकेत दे
 रही हैं कि उजाला यहीं कहीं आसपास ही है।।





इश्क़ उन्हें ही गुनाह लगता है
जिनके इरादों में मिलावट होता है।।





शहर भर में मजदूर जैसा कोई दर-बदर न था
जिसने सबका घर बनाया उसका कोई घर न था।।





यू ही नहीं खड़ी हूँ बेकरार सी दरवाजे पर
वादा किया था उसने इस गली से गुजरने का।।





नींद आए तो सो जाया करो
रात में जागने से मोहब्बत नहीं मिलती।।





खरीद पाऊं खुशियां उदास चेहरों के लिए
मेरे किरदार का मोल,इतना कर दे खुदा।।





मैं उसी का जिम्मेदार हु - जो मैंने कहा है
उसका नही - जो तुमने समझा हैं।।





हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है
मुझ से कुछ जेसे नजर पूछ रही हो जैसे।।





अगर वो समझ जाये - उनसे मेरी मोह्हबत
यक़ीन मानो - उन्हें खुद से इश्क़ हो जाये।।





यह दुनिया एक लम्हे मे तुम्हे बर्बाद कर देगी
मोहब्बत मिल भी जाए तो उसे मशहूर न करना।।





बड़े बेताब थे वो मोहब्बत करने को हमसे
जब मैने भी कर ली तो उन्होंने शौक बदल दिया।।




जमाने भर के रिश्तों से मुझे क्या लेना-देना
बस इतना ही काफी है कि बहन मेरे साथ है।।




The end 🙏

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